Wednesday 10 October 2012

नये मिज़ाज की शायरी


नये मिज़ाज की शायरी
-डाॅ. महेन्द्र अग्रवाल
ग़ज़ल की नई दुनिया में एक ‘आवाज़’ शायर अशोक मिज़ाज की है, यह हिन्दी मंे उनका तीसरा ग़ज़ल संग्रह है. उनके ऊपर उर्दू के ख्यातिनाम शायर बशीर बद्र का वरद हस्त रहा है. उनके अपने शब्दों में उन्होंने ग़ज़ल को मीर से बशीर बद्र तक और शमशेर से दुष्यंत तक महसूस करने के बाद एक ऐसा रास्ता चुनने की कोशिश की है जो इन दोनों एहसास के बीच से होकर जाता है यानि उर्दू और हिन्दी ग़ज़ल के मध्य एक सेतु के रूप में उभरने की ! क्या उनकी कोशिशें परवान चढ़ीं ? और उन कोशिशों की साहित्यिक हैसियत वास्तव में क्या है ? उनके इस वक्तव्य के साथ हमें इस संग्रह को इसी नज़रिये से देखना होगा.
हिन्दी और उर्दू भाषा के मध्य संतुलन कायम करने की कोशिश करने वालों को, चाहे वह गोपालदास नीरज हो या दुष्यंत दोनों ही भाषाओं के विद्वान समीक्षक/रचनाकार खुले दिल से अपनाते नहीं है, और भविष्य में वह दोनों भाषा साहित्य में अपनी अदबी हैसियत को सदा तलाश करते रहते हैं. ये पीड़ा एक उम्र गुज़रने के बाद सामने आती है और उम्र भर सालती है.
अशोक की शायरी यूं तो उर्दू लबो लहज़े की शायरी है लेकिन उसमें कथ्य के स्तर पर कहीं कहीं नये ख़्याल नई भंगिमायें भी उभरती हैं.
   इक्कीसवीं  सदी  की अदा  कह सकें जिसे
   ऐसा भी कुछ लिखो कि नया कह सकें जिसे
   हमने  वतन  के  साथ  बड़ी   बेवफ़ाई  की
   तुमने भी क्या किया कि वफ़ा कह सकें जिसे
भाषा के स्तर पर उनकी सम्प्रेषणीयता पर कोई प्रश्न चिन्ह नहीं लगाया जा सकता है. लेकिन उनकी अपनी मजबूरियां हैं. उनके अपने शब्दों-
कहते हैं अपनी बात बड़ी सादगी से हम
फिर भी लगे दक़ीक उन्हें फ़ारसी से हम
लेकिन ये किसकी देन है, उनकी अपनी उलझन या ज़माने भर की जो उनकी शायरी में अक्सर उभरती रहती हैं-
मेरा मिज़ाज भी पत्थर सा हो गया है मिज़ाज
जो चोट खाऊं तो चिनगारियां निकलती हैं
अशोक मिज़ाज के पास शायरी का सही मिज़ाज है और यही चीज उनकी शायरी को नई उड़ान देती है. वरना किसकी हिम्मत है ये कहने की -
रात दिन सांप मेरे साथ रहा करते हैं
मेरे किरदार से चंदन की महक आती है
और उनके किरदार की तरह उनकी शायरी वास्तव में चंदन की तरह महक सकती बशर्ते थोड़ी सी मेहनत वह उरूज़्ा पर और करें.
आवाज़/अशोक मिज़ाज/प्र.सं. 2006/मूल्य 75 रूपये/वाणी प्रकाशन-21 ए, दरियागंज नई दिल्ली-1100020

1 comment:

  1. Bade bhai.respected dr mahendra agarwal ji. Me agra se kumar lalit hu. Aapki gazlon ka big fan hu. Plz give me ur contact no. My mob no is 9358057729

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